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प्रोफेशनल कोर्स में अब फाइनल सेमेस्टर में आएंगे बहुविकल्पीय प्रश्न
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय कैंपस और कॉलेजों में अब प्रोफेशनल कोर्सों के फाइनल सेमेस्टर की परीक्षा भी बहुविकल्पीय होगी। मंगलवार को विवि में हुई परीक्षा समिति की बैठक में इस निर्णय पर मुहर लग गई है। वहीं, सेमेस्टर की तरह वार्षिक प्रणाली में भी एक और दो साल कालबाधित वाले छात्र अतिरिक्त फीस देकर अपनी डिग्री पूरी कर सकेंगे।
कैंपस में कुलपति प्रो. एनके तनेजा की अध्यक्षता में ऑनलाइन परीक्षा समिति की बैठक हुई। बैठक में वार्षिक प्रणाली में भी एक वर्ष कालबाधित छात्रों को पांच हजार तथा दो वर्ष कालबाधित को 10 हजार रुपये फीस देकर डिग्री पूरी करने का मौका दिया जाएगा। इसके अलावा कोरोना की वजह से वर्ष 2020 की जो परीक्षाएं नहीं हो पाईं थी और उनके प्रश्न पत्र छप गए थे, इन सभी प्रश्न पत्रों को वर्ष 2021 की परीक्षा में प्रयोग किया जाएगा। ये नियम मेडिकल परीक्षाओं पर लागू नहीं होगा। उसमें प्रश्न पत्र पहले की तरह ही आएंगे।
बैठक में प्रति कुलपति प्रो. वाई विमला, कुलसचिव धीरेंद्र कुमार, प्रो. मृदुल गुप्ता, प्रो. नवीन चंद्र लोहानी, प्रो. एसएस गौरव, प्रो. हरे कृष्णा, प्रो. जगबीर भारद्वाज, डॉ.अंजलि मित्तल, डॉ. सुधीर कुमार, डॉ. दिव्य नाथ, डॉ. मोनिका सिंह और प्रेस प्रवक्ता मितेंद्र कुमार गुप्ता आदि मौजूद रहे।
इस वर्ष से फंस सकता है पेंच
कैंपस-कॉलेजों में फाइनल सेमेस्टर की परीक्षाएं अप्रैल-मई में संभावित हैं। पेपर तैयार कराने में भी विवि को दो से तीन महीने लगते हैं। इनमें से कुछ कोर्सों की परीक्षाओं के प्रश्न पत्र छप भी चुके हैं। ऐसे में विवि इस निर्णय को अगले साल से लागू करेगा या फिर इसी साल इसे लागू किया जाएगा। इसको लेकर पेच फंस सकता है। बहरहाल, वार्षिक प्रणाली की तरह फाइनल सेमेस्टर में भी बहु विकल्पीय सवाल आने से छात्र-छात्राओं के नंबर अच्छे आएंगे।
प्रोफेशनल कोर्स में अब फाइनल सेमेस्टर में आएंगे बहुविकल्पीय प्रश्न
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय कैंपस और कॉलेजों में अब प्रोफेशनल कोर्सों के फाइनल सेमेस्टर की परीक्षा भी बहुविकल्पीय होगी। मंगलवार को विवि में हुई परीक्षा समिति की बैठक में इस निर्णय पर मुहर लग गई है। वहीं, सेमेस्टर की तरह वार्षिक प्रणाली में भी एक और दो साल कालबाधित वाले छात्र अतिरिक्त फीस देकर अपनी डिग्री पूरी कर सकेंगे।
कैंपस में कुलपति प्रो. एनके तनेजा की अध्यक्षता में ऑनलाइन परीक्षा समिति की बैठक हुई। बैठक में वार्षिक प्रणाली में भी एक वर्ष कालबाधित छात्रों को पांच हजार तथा दो वर्ष कालबाधित को 10 हजार रुपये फीस देकर डिग्री पूरी करने का मौका दिया जाएगा। इसके अलावा कोरोना की वजह से वर्ष 2020 की जो परीक्षाएं नहीं हो पाईं थी और उनके प्रश्न पत्र छप गए थे, इन सभी प्रश्न पत्रों को वर्ष 2021 की परीक्षा में प्रयोग किया जाएगा। ये नियम मेडिकल परीक्षाओं पर लागू नहीं होगा। उसमें प्रश्न पत्र पहले की तरह ही आएंगे।
बैठक में प्रति कुलपति प्रो. वाई विमला, कुलसचिव धीरेंद्र कुमार, प्रो. मृदुल गुप्ता, प्रो. नवीन चंद्र लोहानी, प्रो. एसएस गौरव, प्रो. हरे कृष्णा, प्रो. जगबीर भारद्वाज, डॉ.अंजलि मित्तल, डॉ. सुधीर कुमार, डॉ. दिव्य नाथ, डॉ. मोनिका सिंह और प्रेस प्रवक्ता मितेंद्र कुमार गुप्ता आदि मौजूद रहे।
इस वर्ष से फंस सकता है पेंच
कैंपस-कॉलेजों में फाइनल सेमेस्टर की परीक्षाएं अप्रैल-मई में संभावित हैं। पेपर तैयार कराने में भी विवि को दो से तीन महीने लगते हैं। इनमें से कुछ कोर्सों की परीक्षाओं के प्रश्न पत्र छप भी चुके हैं। ऐसे में विवि इस निर्णय को अगले साल से लागू करेगा या फिर इसी साल इसे लागू किया जाएगा। इसको लेकर पेच फंस सकता है। बहरहाल, वार्षिक प्रणाली की तरह फाइनल सेमेस्टर में भी बहु विकल्पीय सवाल आने से छात्र-छात्राओं के नंबर अच्छे आएंगे।